सोना सोना

1 Part

346 times read

8 Liked

सोना सोना मुखड़ा सा  लगता था कुछ अपना सा  माथे पे चाँद की बिंदिया सी  होठों पे गुलाब की लाली सी  खन खन खनके चुडिया सारगी सी  पैरो मे बाजे गुगरू ...

×